शाम आज भी थी, वही हसीन सी,
खुश चेहरों के बिच मे हम थे वैसे वो भी थे,
जानता था कि देखने वाला देख रहा है,
पर क्या कहे की अब वो इंतज़ार नहीं रहा।
शाम आज भी थी, वही हसीन सी,
खुश चेहरों के बिच मे हम थे वैसे वो भी थे,
जानता था कि देखने वाला देख रहा है,
पर क्या कहे की अब वो इंतज़ार नहीं रहा।